विश्व के सबसे बुद्धिमान व्यक्तियों में से एक आचार्य चाणक्य के द्वारा बताई गई Chanakya Niti जो विश्व भर में प्रसिद्ध है अपनी कूटनीति के लिए। आचार्य चाणक्य द्वारा बताए गए कुछ ऐसे नियम और बातें, जिन्हें अगर हर स्टूडेंट अपने जीवन में उतार ले। तो वो जीवन में सफलता की नई ऊँचाइयाँ छू सकता है।
1. दूसरों से व्यवहार –
इंसान जिस तरह से बात करता है। जिस तरह से व्यवहार करता है। उससे ये पता चलता है कि वो किस तरह के परिवार से आया है। उसे किस तरह की परवरिश मिली हुई है। उसे अपने लोगों से कैसे संस्कार मिले हुए है। अच्छे संस्कार के जो लोग होते है वो गालियाँ नही देते, उनके बात करने के तरीक़े में ही आदर छिपा होता है।
एक लड़का किसी से बात करता है। तो उससे ये पता चलता है कि उसने अपने पिता से क्या सीखा है। और जब एक लड़की बात करती है। तो ये पता चलता है कि उसने अपनी माँ से क्या सीखा है। अगर अपने माँ-बाप का नाम रोशन नही कर सकते, तो कोई बात नही लेकिन उनका नाम ख़राब मत करो।
2. कर्मों पर ध्यान –
इंसान ख़ुद ही कर्म करता है। ख़ुद ही उसका फल भी भोगता है। तुम आज जो कुछ भी हो केवल अपने किए हुए कर्मों की वजह से हो। तुम्हारी सफलता या असफलता में किसी भी दूसरे का हाथ नही है। कुछ लोग तो कहते है भई, हमें तो जीवन में मौक़ा ही नही मिला, देखो इंसान कोई फूल नही है। जिसे धूप नही मिली तो मुरझा जाए, धूप अगर तुम तक नही आ रही, तो तुम ख़ुद जाओ और जाकर धूप में खड़े हो जाओ।
3. छोटी छोटी बातों से सीखे –
ज्ञान जहाँ से मिले, जैसे मिले, जिससे भी मिले – ले लेना चाहिए। कभी ये मत सोचो कि वो बड़ा ख़राब आदमी है। मैं उससे क्या सीखूँगा। मैंने देखा कुछ मेरे दोस्त है। जो अपने माँ-बाप से तमीज़ से बात नही करते, और ये भी देखा ऐसा होने पर उनके माँ -बाप का चेहरा कैसा हो जाता है। मैं उनसे क्या सीखा? कि अपने माँ-बाप से कभी भी ऐसे बतमीजी से बात कभी नही करनी चाहिए।
मतलब वो लोग जो दुनिया के सबसे नालायक लोग है। जो अपने माँ -बाप से तमीज़ से बात नही कर सकते, उनसे भी मैंने एक काम की चीज़ सीख ली।
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4. बोलने से पहले सुनना सीखो –
अगर कोई समझदार आदमी बात कर रहा है तो सुनो, सुनो और उसके सिवा ओर कोई काम मत करो। यहाँ तक की जब वो बोल कर चुप कर जाए। तब भी 5 सेकंड तक चुप रहकर सुनो, हो सकता है। वो और कोई चीज़ बताने वाला हो।
ये भी हो सकता है जब वो बोल रहा हो। तो आपके मन में कोई प्रश्न आ जाए उसे आप काग़ज़ पर लिख लो। आपको केवल तब बोलना है। जब वो आपसे पूछे, कि आपको समझ आ रहा है न, या फिर जब वो आपसे कुछ प्रश्न पुछे।
बीच में सवाल करने का नुक़सान ये होता है कि सामने वाले का बोलने का प्रॉसेस टूट जाता है। फिर वो, वो नही बता पता जो वो बताने की इच्छा रखता था। जीवन में सफल बनने के सबसे बड़ा गुण, ध्यान से सुनने से बढ़कर कोई नही हो सकता। जो स्टूडेंट सुनता है। केवल सुनता है। वो सभी चीज़ें सीख़ लेता है।
5. निरंतर प्रयास –
बूँद बूँद से धीरे धीरे मटका भर जाता है। रोज़ थोड़ा थोड़ा सीखने की कोशिश करो। धीरे धीरे ज्ञानवान हो जाओगे। रोज़ थोड़ा-थोड़ा अच्छा काम करने की कोशिश करो। धीरे धीरे धर्मात्मा हो जाओगे। रोज़ थोड़ा-थोड़ा धन बचाने की कोशिश करो धीरे-धीरे धनवान हो जाओगे।
6. अपने लक्ष्य को समझना –
हर रोज़ अपने सब्जेक्ट का एक Lesson ज़रूर सीखना चाहिए। अगर आप स्टूडेंट है तो ऐसा कोई दिन नही जाना चाहिए। जिस दिन आपने किताब खोल कर भी न देखी हो। आप के जितने भी सबजेक्ट है। उसमें से केवल एक विषय पर रोज़ अपना ध्यान केंद्रित करे। उसे समझने की कोशिश करे।
देखिए – यदि आप ग्रैजूएशन कर रहे है। तो वो 3 साल की पढ़ाई होती है। अगर आप हर रोज़ एक lesson भी याद करते है। तो आप के लिए exams बहुत ही आसान हो जाएँगे। इसका मतलब यह कि आपको 1000 के क़रीब अपने लेसॉन याद होंगे। जिससे आपके अच्छे मार्क्स आएँगे। जो आपकी JOB के लिए भी काफ़ी प्रभावशाली सिद्ध होंगे।
7. सही ज्ञान की पहचान –
जब आप हर रोज़ कुछ नया सीखने की कोशिश कर रहे हो। तो आपको केवल अपनी theory ही नही पढ़नी है। बल्कि आपके पास प्रैक्टिकल नॉलेज भी होनी चाहिए। आपका ज्ञान केवल किताबी ज्ञान नही, बल्कि उसको तर्कपूर्ण होने से, वो आपको अधिक लाभ देगा।
8. काम को समझना –
पढ़ाई पूरी होने के बाद, जो काम करना चाहते हो। अगर वो नही कर पा रहे, तो फिर वो पढ़ाई किसी काम की नही है। अगर दिन रात पढ़ने के बाद भी नौकरी नही मिली तो वो डिग्री किसी काम की नही है। काम सीखो, काम कर- कर के काम आता है। इसलिए केवल काम की चीज़ें ही सीखनी चाहिए। ज्ञान का कोई अंत नही, इंसान का अंत है
जिस तरह से हँस दूध और पानी के मिश्रण में से पानी को छोड़कर दूध पी लेता है वैसे है आपको केवल काम की चीज़ों पर अपना ध्यान लगाना है। बेकार की चीज़ों को छोड़ देना चाहिए। बेकार की चीज़ें जैसे – क्रोध, लोभ, स्वाद, मोह, अहंकार, ज़रूरत से ज़्यादा कामना, शृगार , मनोरंजन, बहुत ज़्यादा सोना।
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9. किसी की चापलूसी से बचे-
एकलव्य से जब उसका अँगूठा माँगा गया, तो उन्होंने काट कर दे दिया। अति सेवा है। किसी की भी करने से बचना चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि अति हर चीज़ की बुरी होती है। जिसे सुख की इच्छा होती है। उसे ज्ञान छोड़ देता है। इसलिए जिसे ज्ञान की इच्छा हो। उसे सुख की इच्छा छोड़ देनी चाहिए।
10. अपना समय कभी बेकार नही करना चाहिए-
क्योंकि ज़िंदगी समय से बनी होती है। इसलिए जिस जगह पर सम्मान ना मिलता हो, जहाँ पर रोज़ी रोटी न मिलती हो, जिस जगह पर ऐसे लोग रहते हो। जो हमारी मदद न कर सके, ऐसी जगह, जहाँ हमें सीखने के लिए कुछ भी न मिले। ऐसी जगह पर कभी भी नही जाना चाहिए।
11. अपनी नॉलेज को लगातार बढ़ाते जाना चाहिए-
जैसे जैसे आपकी नॉलेज बढ़ती जायगी और आपका लेवल expert वाला होता जाएगा। आपकी आमदनी और जीवन की प्रति सुख अपने आप बढ़ता चला जाएगा।
एक बात हमेशा याद रखे अगर आप के प्रयास अच्छे होंगे, सही दिशा में होंगे। तब आपको किसी भी चीज़ के प्रति चिंता करने की आवश्यकता नही पड़ेगी। अपने आप सफलता आप के पास पहुँच जाएगी।
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